SHIV STOTRAM SECRETS

shiv stotram Secrets

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शिव–मन्त्र उच्चारण गरी आफ्ना दूषित विचारहरूलाई पखालेर,

इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं पठन्स्मरन्‌ ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्‌।

हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं

अद्भुत ब्रह्माण्ड के सारे प्राणी जिनके मन में मौजूद हैं,

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मैं कब प्रसन्न हो सकता हूं, अलौकिक नदी गंगा के निकट गुफा में रहते हुए,

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह more info लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...

मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे मनो

शिव के बालों की उलझी जटाओं से हम सिद्धि की दौलत प्राप्त करें,

उनके रेंगते हुए सांप का फन लाल-भूरा है और मणि चमक रही है,

Lord Shiva is the sole dancer. He may be the grasp or qualified dancer. He is the King of dancers. He quelled the pride of Kali. Lord Siva’s destruction is not really a single act, but is a number of acts. There exists another type of dance at every single phase.

चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥

मैं भगवान शिव की प्रार्थना करता हूं, जिनका कंठ मंदिरों की चमक से बंधा है,

निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः

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